आज मौसम भी वही , हवा में सुरूर भी वही,
बादलों की गरज भी वही, दिल मे तूफान भी वही,
वही महक मिट्टी और बारिश के मिलने की, वही शुरुआत नए उम्मीदों के खिलने की, आज फिर खुदा को मौसम खुशनुमा कर के मुझे गमजदा करना था।
-शिवम
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